लाभः
• यह पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढावा देता है।
• यह प्रारम्भिक अवस्था मे पौधों की शाखाओं को बढाने में मदद करता है।
• इसके प्रयोग से फसल की पैदावार बढाने में मदद मिलती है।
• यह पौधों की जड़ों का उत्कृष्ट विकास करता है। जिससे पौधों की जड़ों में बढोतरी होती है।
• इसके प्रयोग से रासायनिक खाद की मात्रा कम कर सकते हैं।
उपयोग की मात्रा : 3-4 कि.ग्रा. प्रति एकड। पौधारोपण एवं बुआई के 20-40 दिनों के अंदर। इस मात्रा को 30-40 दिन के बाद दोबारा भी प्रयोग किया जा सकता है।
अस्पष्टीकरण : हम लेवल के अनुसार उत्पाद की गुणवत्ता के निर्माण को आस्वत कर सकते हैं। लेकिन फसलों की उपज मुख्य रूप से मिट्टी, पानी और फसल की गुणवत्ता और स्थिरता पर निर्भर करता है।
फसलें : धान, गन्ना, मक्का, गेंहू, कपास, आलू, सब्जियां, फलदार वृक्षों, फूलदार पौधों सभी प्रकार की दलहन व तिलहन फसलें इत्यादि।
पैकिंग : 7 कि.ग्रा
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