लाभ
1. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के साथ-साथ यह मिट्टी में अधिक समय तक नमी बनाए रखता है।
2. इसके उपयोग से फल और फूलों का गिरना बंद हो जाता है।
3. पौधे के लिए आवश्यक प्रोटीन, एंजाइम, हार्मोन और कार्बोहाइड्रेट का उत्पादन करता है।
4. पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए पोटाश आवश्यक है।
5. पोटाश फसलों को मौसम की प्रतिकूलता जैसे सूखा, ओला-पाला तथा कीड़े आदि से बचाने में मदद करता है।
6. पोटाश जड़ो की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है।
7. जिन फसलों को पोटैशियम की पूरी मात्रा मिलती है उन्हे कम पानी की आवश्यकता होती है।
उपयोग की मात्रा : पोटास फसल के सभी चरणों में किया जा सकता है। इसका उपयोग अकेले या अन्य अकार्बनिक उर्वरकों के साथ संयोजन में किया जा सकता है। प्रति एकड़ कम से कम 50 कि.ग्रा. पोटाश का उपयोग करें या फसल के अनुसार खेत में बिखेर दें।
फसलें : धान, गन्ना, मक्का, गेंहू, कपास, आलू, सब्जियां, फलदार वृक्षों, फूलदार पौधों सभी प्रकार की दलहन व तिलहन फसलें इत्यादि ।
पैकिंग : 50 कि.ग्रा
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